SEBI Bans YouTube Influencer:भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए यूट्यूबर रविंद्र बालू भारती और उनकी कंपनी रविंद्र भारती एजुकेशन इंस्टीट्यूट के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। इस कार्रवाई में, सेबी ने न सिर्फ उन्हें शेयर बाजार में भाग लेने से रोका है बल्कि 9.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

सेबी के आदेश के अनुसार, रविंद्र बालू भारती ने बिना रजिस्ट्रेशन के निवेश सलाह देने का व्यवसाय चलाया था, जो कि सेबी के नियमों का उल्लंघन है। उनके द्वारा दी गई सलाहों में “हाई रिटर्न” की गारंटी दी गई थी, जो कि जोखिम भरे निवेशों को बढ़ावा देने का एक तरीका था। इस तरह के व्यवहार से निवेशकों को भ्रमित करने और उन्हें गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया गया, जिसके कारण सेबी की यह कार्रवाई हुई।
SEBI Bans YouTube Influencer and effects
- बैन की अवधि: रविंद्र बालू भारती और उनकी कंपनी को 4 अप्रैल 2025 तक किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी मार्केट गतिविधि में भाग लेने से रोक दिया गया है।
- जुर्माना: उन्हें 9.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना होगा, जिसके साथ ही उन्हें और उनके सहयोगियों पर 10 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया है।
- पुनर्भुगतान: सेबी ने यह भी आदेश दिया है कि उन्हें अवैध रूप से कमाई गई राशि को वापस करना होगा।
SEBI Bans YouTube Influencer:
रविंद्र बालू भारती के दो यूट्यूब चैनल हैं जिनमें 19 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। यह बैन उनकी ऑनलाइन उपस्थिति और उनके कंटेंट के प्रकाशन पर सीधा प्रभाव डालेगा। यूट्यूब पर उनके वीडियो के माध्यम से निवेश सलाह देना अब संभव नहीं होगा, जो कि उनके दर्शकों के लिए एक बड़ा बदलाव है।
यह कार्रवाई एक बड़े पैमाने पर सेबी के नए नियमों के हिस्से के रूप में देखी जा सकती है जो फिनफ्लूएंसर्स को नियंत्रित करने के लिए लाए गए हैं। सेबी ने पहले ही एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया है जो रजिस्टर्ड और नॉन-रजिस्टर्ड फिनफ्लूएंसर्स के लिए नियम सख्त करता है।
कंपनी ने इन निवेशों से संबंधित जोखिमों का खुलासा किए बगैर और आवश्यक सेबी पंजीकरण के बिना कंपनी का संचालन करते हुए ‘ज्यादा रिटर्न’ का प्रचार किया। इसके अलावा रवींद्र भारती और उसकी कंपनी ने लोगों को कई निवेश योजनाएं बेचने के लिए गलत रणनीति अपनाई और निवेशकों के स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रभावित करने की कोशिश की।
सेबी के आदेश में इस बात पर जोर दिया गया है कि भारती की कंपनी ने प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया और ग्राहकों के सर्वोत्तम हितों को प्राथमिकता देने के अपने कर्तव्य को पूरा करने में विफल रही।
सारांश:
सेबी की यह कार्रवाई एक मजबूत संदेश देती है कि निवेश सलाह देने वालों को सेबी से रजिस्ट्रेशन कराना होगा और उन्हें अपने दावों के साथ सावधानी बरतनी होगी। यह न केवल निवेशकों की सुरक्षा के लिए है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि बाजार में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।
इस मामले ने निवेश सलाह देने वाले उद्योग में एक नया खतरा दिखाया है जहां सोशल मीडिया की पहुंच का दुरुपयोग निवेशकों को गुमराह करने के लिए किया जा सकता है
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