Emergency Movie Review: “इमरजेंसी” एक 2025 में रिलीज हुई भारतीय हिंदी सिनेमा में जीवनी-आधारित ऐतिहासिक नाटक फिल्म है, जिसे कंगना रनौत ने निर्देशित और सह-निर्मित भी किया है। फिल्म कंगना रनौत द्वारा लिखित कहानी और रितेश शाह ने इसकी पटकथा तैयार की है। यह फिल्म भारत के इतिहास में एक अंधेरे अध्याय, इमर्जेंसी की घटनाओं को दर्शाती है, जिसकी घोषणा 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी। फिल्म में कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है, जिसके साथ अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन और सतीश कौशिक जैसे कलाकार भी हैं।

कहानी और प्रस्तुति
“इमरजेंसी” में कथानक को काफी हद तक इतिहास के वफादारी से प्रस्तुत किया गया है। फिल्म इंदिरा गांधी के जीवन के उस हिस्से को उजागर करती है जहां उन्होंने देश पर सबसे विवादास्पद निर्णय लिया था, जिसने भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डाला। फिल्म में उनके लोकतंत्र को स्थापित करने की प्रतिबद्धता के साथ-साथ उनकी तानाशाही प्रवृत्तियों को भी दिखाया गया है। कंगना की दिशा में फिल्म ने राजनीतिक तनाव और ऐतिहासिक संदर्भ को बखूबी उकेरा है, जिसमें पात्रों के बीच के संवाद और क्रियाएं एक अनूठा दृश्य प्रभाव देते हैं।
अभिनय और निर्देशन
कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी के चरित्र को जीवंत किया है। उनकी अभिनय क्षमता और चरित्र की प्रतिबद्धता फिल्म की सबसे मजबूत कड़ियों में से एक है। अनुपम खेर जयप्रकाश नारायण के रूप में और श्रेयस तलपड़े अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में अपनी भूमिकाओं में खूब जमे हैं। कंगना का निर्देशन न केवल चरित्रों के बीच कीमोटर्स को प्रस्तुत करता है बल्कि फिल्म को एक राजनीतिक ड्रामा से बढ़कर एक मानवीय कहानी के रूप में भी दर्शाता है।
संगीत और तकनीकी पहलू
गीत-संगीत के लिए जी.वी. प्रकाश कुमार ने काम किया है, जिसमें कुछ गाने शामिल हैं जो फिल्म के मूड को और गहरा कर देते हैं। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और पृष्ठभूमि संगीत ने उस समय के भारत के वातावरण को बहुत अच्छी तरह से प्रस्तुत किया है। फिल्म की तकनीकी पहलुओं में से एक प्रमुख सिनेमैटोग्राफी है जो दृश्यों के माध्यम से पात्रों की भावनात्मक यात्रा को उजागर करती है।
Emergency Movie Review
“इमरजेंसी” को विभिन्न आलोचकों ने अलग-अलग तरह से समीक्षित किया है। कुछ ने इसे कंगना के करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक माना है, जो उनके अभिनय और निर्देशन दोनों कौशल को प्रदर्शित करती है। फिल्म को उसकी ऐतिहासिक सटीकता और कलाकारों के प्रदर्शन के लिए सराहना मिली है। हालांकि, कुछ आलोचकों ने इस बात पर ध्यान दिया है कि फिल्म का नैरेटिव कभी-कभी थोड़ा असंबद्ध लग सकता है, जिससे कहानी की गति कुछ जगहों पर धीमी हो जाती है।
कुल मिलाकर, “इमरजेंसी” इतिहास और राजनीति के शौकीनों के लिए एक आवश्यक देखने की फिल्म है। यह न केवल एक हाई-प्रोफाइल कलाकारों की फिल्म है बल्कि भारत के एक कठिन समय की
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