dr sanjay roy ranchi,आरजी कर कांड: संजय रॉय को उम्रकैद, न्याय का नया अध्याय

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल, कोलकाता की उस घटना ने देश को हिलाकर रख दिया था। घटना 9 अगस्त 2024 को एक ट्रेनी डॉक्टर, जिसकी पहचान नहीं बताई जा सकती, के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के बाद, संजय रॉय को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया। इस मामले ने न केवल स्वास्थ्य संस्थानों की सुरक्षा पर सवाल उठाए बल्कि न्यायिक प्रक्रियाओं की सख्ती और दक्षता को भी जांच के कठघरे में खड़ा किया।

dr sanjay roy ranchi,आरजी कर कांड: संजय रॉय को उम्रकैद(photo file:livelaw)

dr sanjay roy ranchi मामले की जांच

मामले की जांच शुरुआत में कोलकाता पुलिस कर रही थी, लेकिन जनता के दबाव और राष्ट्रीय महत्व के कारण, यह केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया। सीबीआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, सीसीटीवी फुटेज, फोरेंसिक सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर संजय रॉय को मुख्य आरोपी घोषित किया। जांच में पाया गया कि रॉय ने अकेले ही अपराध को अंजाम दिया था, हालांकि, कुछ अप्रत्यक्ष सबूतों ने अन्य व्यक्तियों के भी इसमें संलिप्त होने की संभावना को इंगित किया था।

न्यायिक प्रक्रिया

  • सुनवाई और दोषसिद्धि: 18 जनवरी 2025 को, कोलकाता की सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को दोषी करार दिया। अदालत ने बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी पाया और बहस के बाद सजा की घोषणा के लिए 20 जनवरी 2025 की तारीख निर्धारित की।
  • सजा: 20 जनवरी 2025 को, अदालत ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जज ने इसे “दुर्लभतम केस” नहीं बताया, जिससे मृत्युदंड का विकल्प खारिज हो गया।

मामले पर प्रतिक्रियाएं

  • डॉक्टर समुदाय: डॉक्टरों ने व्यापक रूप से आंदोलन किया, न्याय की मांग की और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का आग्रह किया।
  • राजनीतिक नेता: विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी के नेता सुकांत मजूमदार ने इसे एक कठोर सजा के रूप में स्वीकार किया लेकिन मृत्युदंड की मांग जारी रखी, जबकि टीएमसी ने मामले में न्यायिक प्रक्रिया की प्रशंसा की।
  • पीड़िता का परिवार: पीड़िता के माता-पिता ने संतोष व्यक्त किया कि उन्हें न्याय मिला है, लेकिन मुआवजे की मांग करते हुए भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने पर जोर दिया।

संजय रॉय को उम्रकैद की सजा मिलने से इस मामले को एक नया अध्याय मिला है, लेकिन सवाल बना हुआ है कि क्या यह काफी है। यह प्रकरण चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा के बारे में, न्याय प्रणाली की कार्यक्षमता और समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चर्चा का आधार बन गया है। इस घटना ने निश्चित रूप से कई

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