AIIMS Warning On Smartphone:बच्चों ज्यादा न देखें मोबाइल, AIIMS की चेतावनी

AIIMS Warning On Smartphone: आज के इस युग में बच्चों द्वारा मोबाइल फोन और अन्य स्क्रीन वाली डिवाइसों का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ा है। इस बढ़ते प्रकोप से माता-पिता के साथ-साथ चिकित्सा विशेषज्ञों की भी चिंता बढ़ गयी है। हाल ही में,अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने बच्चों के स्वास्थ्य पर मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग के नकारात्मक प्रभावों को लेकर एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है।

AIIMS के विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों के मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग से उनकी आंखों के साथ-साथ समग्र शारीरिक और मानसिक विकास पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर इसी तरह चलता रहा, तो आने वाले समय में बच्चों में आंखों की समस्याओं के साथ-साथ दैनिक व्यवहार संबंधी विकार भी बढ़ सकते हैं।

AIIMS Warning On Smartphone

बच्चों पर मोबाइल फोन के प्रभाव

AIIMS के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों में मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) का खतरा बढ़ रहा है। डॉ. आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जी.एस. तितियाल के अनुसार, 2015-16 तक स्कूली बच्चों में मायोपिया का प्रतिशत 10-12% था, लेकिन कोरोना महामारी के बाद यह प्रतिशत बढ़ गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही स्थिति रही तो 2050 तक 40-45% बच्चे मायोपिया के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा, लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में सूखापन, जलन और थकान भी हो सकती है।

व्यवहार संबंधी प्रभाव

AIIMS के अध्ययन में पाया गया कि:

  • 33.1% किशोर डिप्रेशन से पीड़ित हैं
  • 24.9% किशोरों में चिंता के लक्षण दिखाई देते हैं
  • 56% किशोरों में उतावलापन की समस्या है
  • 59% किशोरों में गुस्से की अधिकता पाई गई

इसके अलावा, बच्चों में एकाग्रता की कमी, सामाजिक कौशल में कमी और नींद की समस्याएं भी बहुत अधिक देखी जा रही हैं।

AIIMS Warning On Smartphone शारीरिक प्रभाव

मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से बच्चों की शारीरिक गतिविधियां बहुत कम हो गयी हैं,जिससे मोटापे का खतरा बढ़ रहा है। इसके अलावा, गर्दन और कंधों में दर्द, सिरदर्द और आंखों में तनाव जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

AIIMS की गाइडलाइंस

AIIMS के विशेषज्ञों ने बच्चों के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए हैं जो निम्न हैं:

  1. स्क्रीन टाइम सीमा: 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए दिन में अधिकतम 2 घंटे का स्क्रीन टाइम होना चाइए।
  2. 20-20-20 नियम: हर 20 मिनट पर 20 सेकंड का ब्रेक लें और 20 मीटर दूर तक देखें।
  3. उचित रोशनी: कमरे की लाइटिंग अच्छी होनी चाहिए और पीछे से रोशनी आनी चाहिए।
  4. सही पोस्चर: पढ़ने के लिए टेबल और कुर्सी का इस्तेमाल करें, सोफे या बिस्तर पर बैठकर न पढ़ें।
  5. बड़ी स्क्रीन: छोटी स्क्रीन की जगह बड़ी स्क्रीन का इस्तेमाल करें।
  6. आउटडोर गतिविधियां: स्कूल में एक पीरियड और घर पर रोजाना एक घंटा आउटडोर गतिविधियों के लिए निर्धारित करें।
  7. नियमित जांच: साल में एक बार सभी बच्चों का विजन टेस्ट कराएं।

उम्र के अनुसार गाइडलाइंस

AIIMS के विशेषज्ञों ने बच्चों की उम्र के अनुसार कुछ विशेष दिशानिर्देश भी दिए हैं:

  • 3 साल से पहले: कोई स्क्रीन टाइम नहीं
  • 6 साल से पहले: इंटरनेट का प्रयोग नहीं
  • 9 साल से पहले: वीडियो गेम नहीं
  • 12 साल से पहले: सोशल मीडिया का कोई प्रयोग नहीं

मोबाइल फोन के सकारात्मक उपयोग

मोबाइल फोन की अधिक उपयोग से बहुत से नुकसान है लेकिन इसके कुछ फायदे भी होते हैं एम्स के अनुसार इसकी कुछ फायदे निम्न हैं:

  1. शैक्षिक एप्स: पढ़ाई में मदद के लिए शैक्षिक एप्स का उपयोग किया जा सकता है।
  2. ज्ञानवर्धक वीडियो: बच्चों के लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक वीडियो देखे जा सकते हैं।
  3. परिवार से संपर्क: दूर रहने वाले परिवार के सदस्यों से संपर्क के लिए वीडियो कॉल का उपयोग।
  4. आपातकालीन स्थिति: आपातकालीन स्थिति में संपर्क के लिए मोबाइल फोन उपयोगी हो सकता है।

AIIMS की चेतावनी का सारांश

मुख्य बिंदुविवरण
स्क्रीन टाइम सीमा2 घंटे प्रतिदिन से अधिक नहीं
छोटे बच्चों के लिए निर्देश2 साल से कम उम्र के बच्चों को स्क्रीन से दूर रखें
आंखों पर प्रभावमायोपिया (निकट दृष्टि दोष) का खतरा बढ़ रहा है
व्यवहार संबंधी प्रभावचिड़चिड़ापन, एकाग्रता की कमी, नींद की समस्याएं
शारीरिक प्रभावमोटापा, शारीरिक गतिविधियों में कमी
सुझावआउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा दें
नियमित जांचवार्षिक आंखों की जांच अनिवार्य
पेरेंटल गाइडेंसमाता-पिता को बच्चों के स्क्रीन टाइम पर नज़र रखनी चाहिए

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