कर्नाटक के बीदर जिले में कृष्णमूर्ति ने एक 30 साल पहले एक मुस्लिम को मानवता के नाते अपने खेत में शव दफनाने की इजाजत दी थी । उनकी यह मानवता अब उनके जी का जंजाल बन गई|
karnataka krishnamurthy 18.6 acres land news:
मामला कर्नाटक राज्य के भीदर जिले के चितागुपा तालुका में स्थित उदाबाला गांव का है जहां पर कृष्णमूर्ति और उसके अन्य तीन भाइयों की 18.6 एकड़ जमीन स्थित है जिसमें 30 वर्ष पहले गांव में मुस्लिम युवक की मृत्यु हो जाने पर ,अपने खेत में मानवता के नाते दफनाने की इजाजत दी थी और जमीन पर कुछ लोगों को बसाया भी था |
लेकिन अब उनकी ही मानवता उनके जी का जंजाल बन चुकी है पिहानी बोर्ड वक्फ ने उनके बिना अनुमति के चुपचाप पूरी संपत्ति वक्त बोर्ड के अधीन कर ली और किसान और वहां बसने वालों को वक्फ बोर्ड की तरफ से नोटिस दे दिया गया है जिससे वे डीएम ऑफिस और मुख्यमंत्री तक गुहार लगा रहे हैं
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कृष्णमूर्ति के अन्य तीन भाइयों की मृत्यु हो चुकी है इसलिए पूरी संपत्ति अब कृष्णमूर्ति की है लेकिन अब कृष्णमूर्ति अपनी जमीन को बचाने के लिए 11 साल से दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
बीदर जिले बीदर के जिला कलेक्टर पीसी भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि जाफर के कार्यकाल के दौरान दलितो, हिंदुओं की जमीन को वक्त बोर्ड को दिया गया था । गौर करने की बात यह है कि उदाबाला गांव का आधा हिस्सा जिसमें कृष्णमूर्ति की जमीन भी शामिल है उसमें 90 से अधिक लोगों के घर है। यह पूरा हिस्सा सर्वे नंबर 1 में आता है इसी पर वक्र बोर्ड अपना दावा करता है। फिलहाल किसानो की समस्या की सुनवाई नहीं हो रही है।
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