हाल ही में एक रिपोर्ट ने दावा किया कि यूक्रेन की सेना ने कुर्स्क क्षेत्र में मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों की तस्वीरें जारी की हैं। यह मामला रूस-यूक्रेन युद्ध के व्यापक संदर्भ में समझा जा सकता है, जिसमें उत्तर कोरिया की भागीदारी का प्रश्न भी उठ खड़ा हुआ है।

उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य सहयोग की खबरें पहले से ही चर्चा में रही हैं। यूक्रेनी सेना ने आरोप लगाया है कि उत्तर कोरियाई सैनिक रूसी सेना के साथ मिलकर यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे हैं, जिसके लिए वे कुर्स्क क्षेत्र में तैनात किए गए थे।
योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, यूक्रेन्स्का प्रावदा ने रविवार को एक ड्रोन यूनिट से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि जिन सैनिकों के शव बर्फ में दिखाई दे रहे थे, उनकी मौत शनिवार को यूक्रेन की सीमा से लगे रूसी क्षेत्र में हमलों के दौरान हुई थी।
यूक्रेन्स्का प्रावदा ने क्या कहा
आउटलेट ने कहा, “मडियार चैनल ने कहा कि यह एक संयुक्त कोशिश है और इसमें -414वीं मानवरहित स्ट्राइक एविएशन सिस्टम रेजिमेंट, महुरा ब्रिगेड, 95वीं एयर असॉल्ट ब्रिगेड, 36वीं सेपरेट मरीन ब्रिगेड, फर्स्ट टैंक ब्रिगेड और 17वीं टैंक ब्रिगेड के एफपीवी (फर्स्ट पर्सन व्यू) ड्रोन पायलट शामिल हैं।”
ड्रोन यूनिट के टेलीग्राम चैनल पर शेयर की गई पोस्ट के विवरण की तुरंत पुष्टि नहीं की जा सकी।
यूक्रेनी सेना ने, जैसा कि रिपोर्ट में दावा किया गया है, कुर्स्क में मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों की तस्वीरें जारी की हैं। इन तस्वीरों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है क्योंकि वे उत्तर कोरिया की गुप्त या अर्ध-गुप्त सैन्य भागीदारी का संकेत दे सकती हैं। यह अनुमान है कि इन सैनिकों को रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए भेजा गया था।
रूस फ्रंट लाइन पर उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती कर रहा- यूक्रेन की सेना
जेलेंस्की ने एक संबोधन में कहा, “हमारे पास पहले से ही जानकारी है कि रूस ने अपने हमलों में उत्तर कोरियाई सैनिकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। वे काफी संख्या में शामिल हैं।”
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, “रूस ने उत्तर कोरियाई सैनिकों को संयुक्त इकाइयों में शामिल किया है। इनका इस्तेमाल कुर्स्क क्षेत्र में ऑपरेशन के लिए किया जा रहा है। अभी तक, केवल वहीं…लेकिन हमारे पास ऐसी जानकारी है जो बताती है कि उनका उपयोग फ्रंट लाइन के अन्य हिस्सों में भी किया जा सकता है।”
दक्षिण कोरिया और अमेरिका उत्तर कोरिया पर रूस में हजारों सैनिक भेजने का आरोप लगाते आए हैं। पिछले महीने खबर आई थी कि किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया के दौरे पर रूस के रक्षा मंत्री के साथ बैठक की थी। बताया जाता है कि मीटिंग के दौरान किम ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध प्रयासों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था।
उत्तर कोरिया की भागीदारी:
उत्तर कोरिया की सैन्य तैनाती की रिपोर्टें इस बात का संकेत हैं कि किम जोंग उन का शासन रूस के साथ अपने सैन्य संबंधों को विस्तार दे रहा है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आर्थिक सहायता: उत्तर कोरिया को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, और रूस से सहायता प्राप्त करना एक तरीका हो सकता है।
- सैन्य प्रशिक्षण और उपकरण: उत्तर कोरिया अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए रूस से सीखना चाहता हो सकता है।
- राजनीतिक समर्थन: दोनों देशों के बीच रणनीतिक गठबंधन की स्थापना।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं:
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस रिपोर्ट के बाद कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं:
- संयुक्त राष्ट्र: यूएन ने पहले ही रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की निंदा की है, और उत्तर कोरिया की भागीदारी इस मामले को और जटिल बना सकती है।
- पश्चिमी देश: अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे देशों ने उत्तर कोरिया के किसी भी सैन्य सहयोग को गंभीरता से लिया है, जिससे प्रतिबंधों के और कड़े होने की संभावना बढ़ सकती है।
- दक्षिण कोरिया: दक्षिण कोरिया ने इस पर चिंता व्यक्त की है, जिससे कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव बढ़ सकता है
निष्कर्ष:
यूक्रेन की सेना द्वारा कुर्स्क में मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों की तस्वीरों की रिपोर्ट ने यूक्रेन युद्ध की जटिलता को और बढ़ा दिया है। यह न केवल सैन्य रणनीतियों के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय संबंध कितने जटिल और अनुमानित हो सकते हैं। जैसे-जैसे यह युद्ध जारी रहता है, दुनिया को सतर्क रहना होगा कि कैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इस संघर्ष में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
(यह आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है।)
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