भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन:भारत ने हाल ही में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है, जिसने देश की वैश्विक उत्पादन क्षमता को और भी मजबूत बनाया है। नवंबर 2024 में, भारत ने पहली बार स्मार्टफोन निर्यात में 20,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया, जिससे भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक बन गया है। यह उपलब्धि न केवल भारत की विनिर्माण शक्ति को दर्शाती है, बल्कि “मेक इन इंडिया” अभियान और प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना जैसे सरकारी प्रयासों की सफलता का भी प्रमाण है।
अंग्रेजी वेबसाइट फर्स्टपोस्ट के अनुसार, नवंबर 2024 में एप्पल ने 14 हजार करोड़ रुपए का निर्यात किया, जो भारत में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह अक्टूबर में 12 हजार करोड़ रुपए के पिछले रिकॉर्ड को भी पार कर गया।

यह निर्यात भारत में बनाए गए आईफोन के कुल उत्पादन मूल्य का 80 फीसदी से अधिक है। एप्पल के विक्रेताओं फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, और पेगाट्रॉन ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसमें तमिलनाडु स्थित फॉक्सकॉन की सुविधा सबसे आगे रही।
भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन
भारत के स्मार्टफोन निर्यात में वृद्धि के प्रमुख कारकों में से एक है वैश्विक बाजार में अच्छी पहुंच। अमेरिका, यूएई, और यूरोपीय देश जैसे मुख्य बाजारों में भारतीय निर्मित स्मार्टफोन की मांग बढ़ी है।
खबर के अनुसार, एप्पल का प्रदर्शन उसकी उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई-PLI) योजना की जुड़ाव को दर्शाता है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 के लिए उत्पादन मूल्य का 70-75 फीसदी निर्यात करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसने उसे काफी हद तक पार कर लिया है।
सैमसंग और भारतीय निर्माताओं ने भी योगदान दिया, जिससे भारत का वैश्विक स्मार्टफोन निर्माण में स्थान और मजबूत हो गया।
आंकड़ों का विश्लेषण
- निर्यात का मूल्य: नवंबर 2024 में, भारत से स्मार्टफोन निर्यात का मूल्य ₹20,395 करोड़ तक पहुंचा, जो कि एक महीने में सबसे ज्यादा है। यह संख्या नवंबर 2023 की तुलना में काफी अधिक है, जो देश की तेजी से बढ़ती निर्यात क्षमता को दिखाती है।
- वैश्विक स्थिति: इस वृद्धि के साथ, भारत चीन और वियतनाम के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक बन गया है। यह परिवर्तन देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जिसने पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में तेजी से विकास किया है।
2019 में भारत स्मार्टफोन निर्यात में 23वें स्थान पर था
भारत की स्मार्टफोन PLI योजना ने इस सफलता में अहम भूमिका निभाई है। साल 2019 में, जब यह योजना शुरू हुई थी, भारत स्मार्टफोन निर्यात के मामले में 23वें स्थान पर था। अब यह तीसरे सबसे बड़े व्यक्तिगत वस्तु निर्यातक के रूप में उभरा है। इस योजना ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को भी प्रोत्साहन दिया है।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अनुसार, पीएलआई योजना लागू होने के बाद से मोबाइल घटकों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी-GST) और शुल्क में 11 खरब रुपए की वृद्धि हुई है।
पिछले चार वर्षों में भारत ने 28.7 खरब रुपए का मोबाइल निर्यात किया है। इससे तीन लाख प्रत्यक्ष नौकरियां और छह लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां सृजित हुई हैं। इनमें से कई नौकरियां युवा महिलाओं को मिली हैं, जो पहली बार कार्यबल में शामिल हो रही हैं।
एप्पल और सैमसंग के साथ अन्य कंपनियां भी भारत में अपनी गतिविधियों को बढ़ा रही हैं। इसका परिणाम यह है कि भारत अब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की ओर अग्रसर है। स्मार्टफोन निर्माण में इस तेजी ने भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है।
भविष्य में भारत की स्थिति
इस उपलब्धि के साथ, भारत ने न केवल अपनी विनिर्माण क्षमता साबित की है बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में अपनी स्थिति को भी मजबूत किया है। भविष्य में, अगर यह वृद्धि जारी रहती है, तो भारत का लक्ष्य वैश्विक स्मार्टफोन निर्यात में दूसरा स्थान प्राप्त करना हो सकता है। इसके लिए, निम्नलिखित कार्य महत्वपूर्ण होंगे:
- स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा: भारत को अपने घरेलू काम्पोनेंट निर्माण को बढ़ाना होगा ताकि निर्यातित उत्पादों में स्थानीय मूल्य संवर्धन बढ़ सके।
- कौशल विकास: विनिर्माण क्षेत्र में कुशल श्रमशक्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों को और बढ़ावा देना होगा।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे में सुधार जारी रखना महत्वपूर्ण है ताकि निर्यात की क्षमता बढ़ सके और लागत कम हो सके।
भारत का स्मार्टफोन निर्यात हाल के वर्षों में एक चमत्कार रहा है, और यह वृद्धि न केवल अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि देश के अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के लिए भी एक मील का पत्थर है।
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